अहमदाबाद में शुक्रवार की सुबह भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के दौरान एक गंभीर घटना टल गई। सुबह 10 बजे, रथ यात्रा में शामिल एक हाथी अचानक बेकाबू हो गया, जिससे भीड़ में भगदड़ मचने की स्थिति उत्पन्न हो गई। यह हाथी 17 हाथियों के समूह में सबसे आगे था। समय पर वन विभाग की टीम ने हाथी को काबू में कर लिया। इस घटना के बाद सुरक्षा के लिहाज से तीन हाथियों—दो मादा और एक नर—को रथ यात्रा से हटा दिया गया है। अब यात्रा में केवल 14 हाथी शामिल होंगे।
जमालपुर में स्थित जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा सुबह 7 बजे शुरू हुई। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पारंपरिक ‘पाहिंद विधि’ के जरिए इस यात्रा का शुभारंभ किया। सुबह 5 से 6 बजे के बीच भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को रथों पर स्थापित किया गया। इसके बाद, रथों के आगे सोने की झाड़ू लगाकर सफाई की परंपरा का पालन किया गया। यह रथ यात्रा शाम करीब 8:30 बजे मंदिर में वापस आकर समाप्त होगी।
सुबह चार बजे मंदिर में मंगला आरती का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनके परिवार ने भाग लिया। इस अवसर पर भगवान को खिचड़ी का भोग अर्पित किया गया।
देशभर में रथ यात्रा का उत्साह चरम पर है। पुरी में भगवान के रथ को शाम 4 बजे खींचा जाएगा, जबकि उदयपुर में भगवान 80 किलो चांदी से निर्मित अद्भुत रथ में सवार होकर नगर में भ्रमण करेंगे।
पुरी – विश्व की सबसे बड़ी रथयात्रा
आज (27 जून 2025, शुक्रवार) सुबह से ही पुरी में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के भव्य रथ खींचे जा रहे हैं।
- सुबह 4 बजे मंगला आरती हुई, जिसके बाद मूर्तियों की श्रृंगार और खिचड़ी का भोग लगाया गया।
- मूर्तियों को क्रमशः बलभद्र, सुभद्रा और जगन्नाथ के रथों में विराजित किया गया; रथ यात्रा दोपहर करीब 3 बजे गजपति दिव्य सिंह देव के नेतृत्व में शुरू हुई और गुंडिचा मंदिर की ओर निकल पड़ी
- अनुमानित श्रद्धालुओं की संख्या 10 से 12 लाख के बीच रही
अहमदाबाद – गुजरात की तीसरी सबसे बड़ी रथयात्रा

अहमदाबाद में आज सुबह 7 बजे रथयात्रा की शुरुआत हुई,
- मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने “पाहिंद विधि” को अपनाते हुए रथमार्ग की सफाई का कार्यक्रम प्रारंभ किया।
- इस जुलूस का संचालन हाथियों ने किया, लेकिन 17 में से 3 हाथी अचानक नियंत्रण से बाहर हो गए, जिन्हें वन विभाग द्वारा हटा दिया गया। इसके बावजूद, बाकी 14 हाथियों ने रथयात्रा को सफलतापूर्वक पूरा किया।
- रथयात्रा जमालपुर स्थित मंदिर से शुरू होकर दिन ढलने तक वहीं लौटेगी, जिसमें 18 हाथी, 101 झांकियाँ, 18 भजन मंडली और लगभग 2500 संत मौजूद थे
- यह रथयात्रा देश में पुरी और कोलकाता के बाद तीसरे नंबर की है ।
सन्दर्भों से समेकित निष्कर्ष
- पुरी की रथयात्रा धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यधिक प्रतिष्ठित मानी गई है।
- अहमदाबाद में भी ये आयोजन बड़े पैमाने पर मनाया जाता है, जो पुरी और कोलकाता के बाद तीसरा सबसे महत्वपूर्ण है।
- उदयपुर को अपने चांदी के रथ के लिए एक विशेष पहचान मिली है, और इस यात्रा के गीतों और परंपराओं ने इसे और भी खास बना दिया है।