परिचय
हाल ही में प्रकाशित ख़बरों के मुताबिक़, ईरान विभिन्न कारणों से रूस के Su‑35 सौदे में विफलता के बाद चीन के J‑10C (चेंगदू Vigorous Dragon) लड़ाकू विमानों की खरीद की सौदेबाज़ी कर रहा है
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क्यों J‑10C? (मुख्य कारण)
- Su‑35 की डिलीवरी में देरी
- ईरान को अपेक्षित कहा था कि रूस Su‑35 सौदा पूरा करेगा, लेकिन सिर्फ़ 4 विमान ही मिले
- हालिया घटनाक्रम – इजरायली हवाई हमले
- जब ईरान पर अमेरिकी और इजरायली हवाई हमले हुए, तो ईरानी वायुसेना जवाब देने में विफल रही, जिससे उसकी एयर डिफेंस क्षमता उजागर हुई ।
- J‑10C की आधुनिक तकनीक
- AESA रडार, WS‑10 इंजन, PL‑15 लंबी दूरी की मिसाइल, और थ्रस्ट-वेक्टॉरिंग जैसे उन्नत फीचर्स slguardian.org+15armyrecognition.com+15eurasiantimes.com+15।
- कम लागत, अधिक उपलब्धता
- J‑10C का यूनिट प्राइस लगभग USD 40–60 मिलियन है – यह Su‑35 से क़रीब $40–60 मिलियन सस्ता है ।
🔍 J‑10C की तकनीकी विशेषताएँ
- 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल विमानों: एयर सुपीरियरिटी और ग्राउंड स्ट्राइक दोनों में सक्षम।
- AESA रडार: बेहतर ट्रैकिंग, रेंज और इलेक्ट्रॉनिक वारफ़ेयर क्षमता indiatoday.in।
- PL‑15 मिसाइल: 200 किमी तक की लंबी दूरी की हवा-से-हवा मारक क्षमता organiser.org+9defencesecurityasia.com+9eurasiantimes.com+9।
- थ्रस्ट-वेक्टरोइंग इंजन: उच्च गतिशीलता, तेज मोड़ और छुपापन ।
📌 ईरान-चीन रक्षा सहयोग
- 2021 में हस्ताक्षरित 25-वर्षीय रणनीतिक समझौता
- तेल एवं इंफ्रास्ट्रक्चर के बदले चीन से गोला-बारूद और तकनीकी सहयोग ।
- मिना तल युद्धाभ्यास और ड्रोन सहयोग: चीन और ईरान ने साथ मिलकर कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास किये ।
✅ प्रमुख लाभ (Bullet‑List)
- तेज़ और परिचालन तंत्र में आसान: चीन का एकीकृत सपोर्ट सिस्टम।
- लागत प्रभावी समाधान: प्रति विमान सस्ती लागत, कम रखरखाव।
- रणनीतिक संतुलन: इजरायली F‑35 व अन्य प्रतिद्वंद्वी विमानों के खिलाफ संभव विकल्प।
- डेलिवरी की गारंटी: रूस की तुलना में चीन से समय पर आपूर्ति की संभावना अधिक।
निष्कर्ष
ईरान के लिए J‑10C लड़ाकू विमानों की खरीद सिर्फ़ सैन्य उन्नयन नहीं, बल्कि रणनीतिक दिशा परिवर्तन का संकेत है। यह सौदा उसकी रूढ़ वायु शक्ति को आधुनिक, सक्षम और सस्ती विकल्प की ओर ले जाएगा।