परिचय
2025 विज्ञ के आरंभ में, बारोदरा में तीन पुल गिरने की घटनाएँ सामने आईं—गंभीरा (पदरा-मुजपुर) ब्रिज, कनालघोड़ा ब्रिज और आकोटा/अटल ब्रिजों पर मरम्मत/बंद ट्रैफ़िक—जो इंफ़्रास्ट्रक्चर के क्षति संकेत हैं।
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पुल हादसे: घटनाएं और प्राथमिक जानकारी
- गंभीरा पुल धँसना
- 9 जुलाई 2025 को घटित; 40 वर्ष पुराने पुल का स्लैब गिरा, 9 लोगों की मृत्यु, कई वाहन माहीसागर नदी में गिरे ndtv.com+1timesofindia.indiatimes.com+1।
- पंड्या ब्रिज का बंद होना
- 20‑30 जून 2024 में मुंबई–अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कार्य के तहत 10 दिन बंद किया गया था ।
- कनालघोड़ा ब्रिज का चौड़ा करना
- अगस्त 2023 में ₹25 करोड़ में चौड़ा किया जाने की योजना बनी timesofindia.indiatimes.com+9business-standard.com+9ndtv.com+9।
योगदान कारक और मजबूती उपाय
- आयु व अपर्याप्त रख-रखाव: 1985 निर्मित ब्रिज पर पूर्व चेतावनियों के बावजूद मरम्मत विलंबित रही ।
- भारी बारिश का प्रभाव: गिरने से पहले कई दिनों की वर्षा की वजह से पुल कमजोर हुआ ndtv.com+2ndtv.com+2newindianexpress.com+2।
- मरम्मत में निष्क्रियता: स्थानीय निवासियों ने समय पर मरम्मत की मांग की, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया ।
भविष्य के लिए सुझाए गए कदम
- पुलों की नियमित सेफ़्टी ऑडिट
- वास्तविक‑समय इंफ़्रास्ट्रक्शन मॉनिटरिंग
- इमरजेंसी प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल और ड्रिल्स
- सामुदायिक जागरूकता व शिकायत प्रणाली
- भूमि-आधारित पुलों के निर्माण में आधुनिक सामग्री प्रयोग
लाभ: बेहतर सुरक्षा, ट्रैफ़िक नियंत्रण, और दुर्घटना कम
- जान-माल की सुरक्षा सर्वोपरि
- ट्रैफ़िक जाम घटाएँ
- जिम्मेदार शहर नियोजन में वृद्धि
अंत में
बारोदरा के पुल हादसों ने संरचनात्मक मजबूती, नियमित देखभाल और सतर्कता की गंभीर आवश्यकता दर्शाई है। निवारक उपायों, तकनीकी निगरानी और सामुदायिक सहयोग से भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सकता है।