परिचय
अंतरिक्ष में खेती? अब भारत के शुभांशु शुक्ला ने ISS पर मेथी (fenugreek) और मूंग (green gram) उगा कर यह संभव बना दिया। यह प्रयोग न सिर्फ रोमांचक है, बल्कि भविष्य के अंतरिक्ष में लंबे मिशनों के लिए फूड सिक्योरिटी की दिशा में एक बड़ी क्रांति भी है tv9hindi.com+15deccanherald.com+15hindustantimes.com+15indiatvnews.com+3livehindustan.com+3navbharattimes.indiatimes.com+3timesofindia.indiatimes.com।

क्यों खास है यह प्रयोग?
- माइक्रोग्रैविटी में अंकुरण – बीजों को पेत्रि डिश में अंकुरित कर माईक्रोग्रैविटी का असर मापा जा रहा है livehindustan.com।
- जैविक बदलावों की जांच – लौटने पर इन्हें कई पीढ़ियों तक उगा कर जीन्स, पोषक गुण और सूक्ष्मजीव विश्लेषण किया जाएगा
- अंतरिक्ष में “स्पेस फार्मिंग” प्रारंभ – यह भारत की अंतरिक्ष कृषि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की दिशा में पहला कदम है
शुभांशु शुक्ला का अनुभव
- “यह रोमांचकारी और आनंददायक कार्य है।” – ISS से भेजे गए उनके शब्द tv9hindi.com+3livemint.com+3timesofindia.indiatimes.com+3।
- इस प्रयोग का संचालन UAS Dharwad और IIT Dharwad के वैज्ञानिकों रविकुमार होसामणि व सुधीर सिद्धपुरेड्डी द्वारा किया गया livehindustan.com।
- डेमोंस्ट्रेशन के साथ-साथ microalgae पर भी काम चल रहा है—भविष्य में संभावित खाद्य, ऑक्सीजन और बायो‑ईंधन स्रोत m.economictimes.com।
भविष्य में क्या संभावनाएँ हैं?
परिचय
अंतरिक्ष में खेती? अब भारत के शुभांशु शुक्ला ने ISS पर मेथी (fenugreek) और मूंग (green gram) उगा कर यह संभव बना दिया। यह प्रयोग न सिर्फ रोमांचक है, बल्कि भविष्य के अंतरिक्ष में लंबे मिशनों के लिए फूड सिक्योरिटी की दिशा में एक बड़ी क्रांति भी है tv9hindi.com+15deccanherald.com+15hindustantimes.com+15indiatvnews.com+3livehindustan.com+3navbharattimes.indiatimes.com+3timesofindia.indiatimes.com।
क्यों खास है यह प्रयोग?
- माइक्रोग्रैविटी में अंकुरण – बीजों को पेत्रि डिश में अंकुरित कर माईक्रोग्रैविटी का असर मापा जा रहा है livehindustan.com।
- जैविक बदलावों की जांच – लौटने पर इन्हें कई पीढ़ियों तक उगा कर जीन्स, पोषक गुण और सूक्ष्मजीव विश्लेषण किया जाएगा
- अंतरिक्ष में “स्पेस फार्मिंग” प्रारंभ – यह भारत की अंतरिक्ष कृषि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की दिशा में पहला कदम है
शुभांशु शुक्ला का अनुभव
- “यह रोमांचकारी और आनंददायक कार्य है।” – ISS से भेजे गए उनके शब्द tv9hindi.com+3livemint.com+3timesofindia.indiatimes.com+3।
- इस प्रयोग का संचालन UAS Dharwad और IIT Dharwad के वैज्ञानिकों रविकुमार होसामणि व सुधीर सिद्धपुरेड्डी द्वारा किया गया livehindustan.com।
- डेमोंस्ट्रेशन के साथ-साथ microalgae पर भी काम चल रहा है—भविष्य में संभावित खाद्य, ऑक्सीजन और बायो‑ईंधन स्रोत m.economictimes.com।
भविष्य में क्या संभावनाएँ हैं?
- लंबे अंतरिक्ष मिशनों में खाद्य उत्पादन: मंगल या चंद्र मिशनों के दौरान खाना उगाना संभव होगा।
- जीव-विज्ञान और यूएसओ: बीजों के अनुवांशिक बदलाव, पोषकता, सूक्ष्मजीव परिवर्तनों की सूक्ष्म लैब-स्तरीय जानकारी।
- स्टेम सेल रिसर्च: इससे स्वास्थ्य चिकित्सा और अंतरिक्ष यात्रा में मानव मरम्मत से जुड़ी आयामों को समझने में मदद मिलेगी tv9hindi.com+1navbharattimes.indiatimes.com+1navbharattimes.indiatimes.com।