भाजपा की राज्यसभा सीटें 86 पर घटीं, NDA 101; फिर भी अन्यों की मदद से बिल पास कर सकती है।

taazatimeblog.com
6 Min Read

भाजपा की राज्यसभा में सीटों की संख्या अब 86 हो गई है, जबकि एनडीए की संख्या 101 है। इस नई स्थिति में, भाजपा को अपने प्रस्तावों को पारित करवाने के लिए अब अन्य राजनीतिक दलों से और तंत्रिका समझदारी से भी ज्यादा निर्भर करना होगा। बीजेपी के चार सदस्यों की स्थानांतरण के साथ ही राज्यसभा में उनकी ताकत में कमी आई है, जिससे संख्यात्मक बल में एक छोटा सा अंतर पैदा हुआ है। अगले कानूनों को पारित करने के लिए एनडीए के पास अभी भी बहुमत है, लेकिन इस विकल्प की स्थिति पर भी दबाव बढ़ सकता है।

इसका जवाब है कि भाजपा अभी भी मजबूत स्थिति में है। वह अभी भी नंबर गेम में आगे बढ़ रही है। एनडीए के पास अभी भी सात गैर-राजनीतिक मनोनीत सदस्यों के समर्थन से, समेत दो निर्दलीय और दोस्ताना दलों जैसे एआईडीएमके और वाईएसआरसीपी, आगामी बजट सत्र में महत्वपूर्ण कानून पारित करवाने की संख्या है। लेकिन दूसरे दलों पर निर्भरता कम करने के लिए जल्दी से जल्द मनोनीत कैटेगरी के तहत खाली पदों को भरना अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा।

राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा, राम शकल, सोनल मानसिंह और महेश जेठमलानी चार मनोनीत सदस्य थे, जिन्होंने शनिवार को रिटायर हो गए। इन्होंने राज्यसभा के लिए मनोनीत होने के बाद आधिकारिक रूप से अपने को भाजपा के साथ जोड़ लिया था। इस मनोनीत कैटेगरी में एक और राज्यसभा सदस्य गुलाम अली भी हैं, जो बीजेपी के हिस्से में हैं और वे सितंबर 2028 में रिटायर होंगे।

मनोनीत सदस्यों की संख्या राज्यसभा में 12 होती है, जिन्हें राष्ट्रपति सरकार की सिफारिश पर नियुक्त किया जाता है। वर्तमान में इस सदन में सात मनोनीत सदस्य गैर-राजनीतिक हैं, जिन्होंने बीजेपी का हिस्सा नहीं लिया है। यह मतलब है कि वे राजनीतिक पक्षनिष्ठता से ऊपर खड़े हैं, लेकिन कानूनों के पारित होने में सरकार का समर्थन करते हैं। ये सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होते हैं और उनका कार्यकाल आमतौर पर छः साल का होता है। उन्हें अपनी विशेष जानकारी और अनुभव के कारण अहम कानूनों के निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का दायित्व होता है।

कितनी सीटें खाली

मौजूदा समय में राज्यसभा में 19 सीटें रिक्त हैं। इनमें से चार सीटें जम्मू-कश्मीर से हैं और ये मनोनीत कैटेगरी में आती हैं। असम, बिहार, और महाराष्ट्र से दो-दो सीटें हैं, और हरियाणा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और त्रिपुरा से एक-एक सीट है। इन 11 सीटों में से 10 सीटें पिछले महीने ही खाली हुईं, जो लोकसभा चुनाव के कारण हुआ। एक सीट भारत राष्ट्र समिति के सदस्य के केशव राव के इस्तीफे के कारण भी खाली हो गई थी, जो बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए।

एनडीए को कितना फायदा

आगामी महीनों में होने वाले राज्यसभा चुनाव में, जहां 11 सीटें खाली हुई हैं, संभावित रूप से एनडीए को आठ सीटें मिल सकती हैं और इंडिया गठबंधन को तीन सीटें। इससे एनडीए की स्थिति और मजबूत हो सकती है, जबकि इंडिया गठबंधन भी अपनी उपस्थिति मजबूत कर सकता है। कांग्रेस को तेलंगाना से एक सीट की उम्मीद है, जिससे उसकी संख्या राज्यसभा में 27 तक पहुँच सकती है। यह स्थिति कांग्रेस को अपने विपक्षी पद को बनाए रखने में सहायक हो सकती है, क्योंकि वह अब अपनी आवाज को राज्यसभा में और मजबूती से प्रस्तुत कर सकती है। भाजपा या एनडीए को आगामी बजट सत्र में किसी भी महत्वपूर्ण विधेयक को पास कराने में कोई बड़ी चुनौती नहीं होने की संभावना है।

BJP की क्‍या है रणनीति? 

इस महीने, बजट पेश होने के बाद एनडीए का मुख्य उद्देश्य कुछ महत्वपूर्ण बिलों को पास करना है। इसके लिए वे सभी समर्थन संग्रहित कर रहे हैं, लेकिन उनकी संख्या बल को लंबे समय तक संभालना आसान नहीं है। इसी बीच, बीजेपी अपनी रणनीति में निर्भरता को अन्यों पर कम करने के लिए उत्तेजित है। एनडीए जल्दी से जल्द सांसदों को सदन में लाने के प्रयास में है, जिससे उनकी बढ़ती हुई संख्या उनके लिए एक मजबूत समर्थन का स्रोत बन सके। इस स्थिति में, विपक्ष को अपने हो-हल्ले और विरोध की गहरी बात नहीं करने का मौका मिलेगा, क्योंकि सरकार के विधेयकों को पारित करने के लिए संगठन और संख्या दोनों महत्वपूर्ण होंगे।

राज्‍यसभा में सीटों का गणित 

संसद के उच्च सदन, यानी राज्यसभा, भारतीय लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग है जहाँ संघ और राज्यों के प्रतिनिधि मिलकर देश की राजनीति और कानूनी प्रक्रियाओं पर गहरा प्रभाव डालते हैं। इस समय राज्यसभा में 238 सदस्यों की गणना है, जिनमें से 12 राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होते हैं। यहाँ तक कि राज्यसभा को एक स्थायी निकाय माना जाता है जिसे कभी भंग नहीं किया जा सकता।

इस समय, राज्यसभा में 19 सीटें खाली हैं, जिनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं। इन खाली सीटों के भरे जाने से एनडीए की संख्या 109 हो जाएगी, जबकि विपक्षी गठबंधन इंडिया की उम्मीद है कि उनकी संख्या 3 सीटें बढ़ा सकती है। इस तरह, राज्यसभा न केवल कानूनों के मसले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, बल्कि यह राष्ट्रीय समर्थन का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी है जो हर राजनीतिक दल के लिए महत्वपूर्ण है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

OUR SOCIAL MEDIA

Taazatimeblog.Com