जहानाबाद के सिद्धेश्वर मंदिर में भगदड़ कैसे मची? जानें इस घटना की पूरी जानकारी।

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जहानाबाद के सिद्धेश्वर मंदिर में हाल ही में हुई दिल दहलाने वाली भगदड़ की घटना में पुलिस इंस्पेक्टर ने 7 लोगों की दुखद मौत की पुष्टि की है। इस भयानक हादसे में 35 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए स्थानीय मखदुमपुर और सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उन्हें विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में इलाज किया जा रहा है। इस त्रासदी ने न केवल स्थानीय समुदाय को गहरे दुख और शोक में डुबो दिया है, बल्कि एक बार फिर सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन के महत्व को उजागर किया है। पूरी जानकारी और राहत कार्यों के संदर्भ में अपडेट जारी किए जा रहे हैं।

बिहार के जहानाबाद जिले में स्थित बाबा सिद्धेश्वर नाथ के मंदिर में हाल ही में एक दिल दहलाने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। सावन के चौथे सोमवार की रात, जब भक्तों की भीड़ मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ी हुई थी, अचानक एक भगदड़ मच गई, जिसमें 7 लोगों की जान चली गई। इस दुःखद हादसे में मृतकों में 3 महिलाएं भी शामिल हैं।

घटना उस समय घटी जब रात लगभग 1:00 बजे मंदिर परिसर में एक अत्यंत तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। बताया जा रहा है कि फूलवाले के बीच कहासुनी के बाद स्थिति बिगड़ गई और उसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का सहारा लिया। इस अचानक किए गए लाठीचार्ज ने भगदड़ को जन्म दिया, जिससे मंदिर में अफरा-तफरी मच गई और लोगों में अराजकता फैल गई।

इस भयंकर घटना में कुल 35 श्रद्धालु घायल हो गए हैं, जिन्हें तुरंत स्थानीय मखदुमपुर और सदर अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है। घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में इलाज प्रदान किया जा रहा है। इस घटनाक्रम ने न केवल स्थानीय समुदाय को गहरे शोक में डुबो दिया है, बल्कि सुरक्षा प्रबंधों की प्रभावशीलता पर भी सवाल खड़ा किया है। प्रशासन द्वारा राहत और सहायता के प्रयास जारी हैं, और इस हादसे की पूरी जानकारी के लिए अपडेट्स प्रदान किए जा रहे हैं।

जहानाबाद के नगर थाना प्रभारी दिवाकर कुमार विश्वकर्मा ने इस दुखद घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा, “मंदिर में मची भगदड़ के दौरान कुछ लोग बेदम हो गए, जिससे 7 लोगों की जान चली गई और 35 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।”

जदयू के जिलाध्यक्ष दिलीप कुशवाहा ने श्रद्धालुओं की दुखद मौत पर गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा, “मुझे मंदिर में भगदड़ की सूचना मिली थी, और जब मैं मौके पर पहुंचा, तो यह जानकर हृदय विदारक स्थिति का सामना करना पड़ा कि लगभग 7 लोगों की जान चली गई है। इस घटना ने पूरे इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया है। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती किया गया है, और उनके इलाज की हर संभव कोशिश की जा रही है।”

बचाव कार्य जारी

बचाव कार्य अब भी जारी है, जबकि स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास तेज़ी से चल रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रविवार रात से ही बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा होने लगी थी। सोमवार तड़के, इस भीड़ के बीच अचानक भगदड़ मच गई, जिसने मंदिर परिसर में अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत सक्रियता दिखाई और सभी 7 मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, ताकि उनके परिजनों को सही जानकारी मिल सके और आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सके।

पुलिस प्रशासन की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है और वे राहत और बचाव कार्यों को संजीदगी से अंजाम दे रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा और आपातकालीन सेवाओं को तेजी से पहुंचाया जा रहा है, ताकि घायल श्रद्धालुओं को शीघ्र उपचार मिल सके। पूरी स्थिति की निगरानी की जा रही है और अधिकारियों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं ताकि इस प्रकार की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।

घायलों का इलाज स्थानीय मखदुमपुर और सदर अस्पताल में किया जा रहा है। एक व्यक्ति ने बताया कि भगदड़ में उनकी एक महिला रिश्तेदार की मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरी तरह से प्रशासन की गलती थी। उनके अनुसार, प्रशासन ने सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) के लोगों को तैनात किया था, जिन्होंने लाठी का प्रयोग किया। इस कारण भक्तों में अफरा-तफरी मच गई, लोग भागने लगे और कुछ लोग गिर गए।

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