परिचय
हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने BRICS समूह के “एंटी-अमेरिकन” रुख वाले देशों पर 10% अतिरिक्त आयात शुल्क लगाने की चेतावनी दी है newwealthdaily.com+15reuters.com+15time.com+15। इनके पीछे का मुख्य तर्क है कि ये देश अमेरिकी व्यापार नीतियों के खिलाफ जा रहे हैं। आइए जानते हैं इस विवाद की पूरी कहानी।

कौन-कौन प्रभावित हो सकते हैं?
- BRICS के सदस्य – चीन, भारत, रूस, ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका
- नए शामिल – ईजिप्त, इरान, यूएई, इथियोपिया आदि
- ऐसे अन्य देश जो BRICS के ‘एंटी-अमेरिकन’ रुख को समर्थन देते हैं
🌍 BRICS की प्रतिक्रिया
BRICS समूह ने इस प्रस्ताव को “एकतरफा” और WTO नियमों के खिलाफ बताते हुए ट्रम्प की नीतियों को विनाशकारी और अवैध बताया youtube.com। उनके बयानों में कहा गया कि ऐसे कदम से वैश्विक व्यापार प्रभावित होगा।
📈 संभावित आर्थिक प्रभाव
- वैश्विक सप्लाई चेन बाधित
- BRICS देशों की निर्यात प्रतिस्पर्धा पर दबाव
- व्यापार समझौतों की ओर रुख – भारत, चीन, ब्रिटेन, वियतनाम जैसे देशों ने पहले ही व्यापार समझौते की राह चुनी है 99bitcoins.comreuters.com+11barrons.com+11livemint.com+11
🧭 आगे की राह
- ट्रम्प प्रशासन ने कुछ देशों को 90‑दिन की मोहलत दी है; अगस्त 1 से पूर्ण 10‑49% शुल्क लागू होगा youtube.com+15barrons.com+15livemint.com+15
- BRICS देशों की ज्वाइंट रणनीति — डॉलर‑मुक्त व्यापार, स्थानीय मुद्रा, नई मुद्रा प्रणाली drishtiias.com
- भारत‑अमेरिका के बीच द्विपक्षीय वार्ता तेज़
📋 सारांश
- ट्रम्प का 10% टैरिफ प्रस्ताव वैश्विक व्यापार में नई अनिश्चितता ला रहा है।
- BRICS देशों का मिलाजुला रुख नीतिगत खिंचाव को दर्शाता है।
- यह स्थिति केवल आर्थिक नहीं, बल्कि भू‑राजनीतिक और मुद्रा‑संबंधित परिवर्तनों की दिशा में भी संकेत देती है।
✔️ निष्कर्ष
वर्तमान टैरिफ युद्ध एक ग्लोबल व्यापार झड़प का आरंभ हो सकता है। भारत जैसे देश को तकनीकी, आर्थिक और रणनीतिक रूप से तैयार रहना चाहिए। आर्थिक रूप से बहुत बड़े न होने पर भी, भारत को इस बातचीत में सक्रिय बने रहने की आवश्यकता है।