परिचय
केरल की नर्स निमिषा प्रिय को यमन की अदालत ने 2017 में यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी पाया था और 2020 में मौत की सजा सुनाई गई। उनकी सभी अपील खारिज होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल चुकी है। अब उनकी फाँसी 16 जुलाई को हो सकती है ।
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मुख्य तथ्य (Bullet Points)
- कौन हैं निमिषा प्रिय?
1989 में केरल के पलकड़ के किलोण्गोडे की रहने वाली, जो 2008 में यमन गईं और अस्पतालों में नर्स के रूप में कार्य किया । - हत्या की घटना:
2017 में उन्होंने तलाल को केटामाइन देकर सोता करने की कोशिश की, जिससे ये ओवरडोज़ में बदल गया और उनकी मौत हो गई। बाद में शव को काटकर पानी की टंकी में फेंक दिया गया youtube.com+15en.wikipedia.org+15indianexpress.com+15। - फाँसी की तारीख:
सोशल वर्कर सैमुअल जेरोम बास्करन ने पुष्टि की कि जेल प्रशासन को मृत्युदंड आदेश मिला है और 16 जुलाई को यह निष्पादन हो सकता है । - कूटनीतिक पहल और सहायता:
भारतीय विदेश मंत्रालय निरंतर संपर्क में है। ईरान भी मानवीय आधार पर मध्यस्थता में सहायता की पेशकश कर चुका है theweek.in+8tribuneindia.com+8hindustantimes.com+8। - दिअत/ब्लड मनी ऑफर:
परिवार ने लगभग 1 मिलियन USD का ब्लड मनी ऑफर रखा, लेकिन वह अभी तक स्वीकार नहीं हुआ en.wikipedia.org+1indianexpress.com+1।
⚖️ कानूनी प्रक्रिया
- 2018 में निचली अदालत ने हत्या का दोषी करार दिया।
- 2020 में मौत की सजा सुनाई गई।
- यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने नवंबर 2023 में सजा को बरकरार रखा।
- दिसंबर 2024 में राष्ट्रपति रशाद अल-अलिमी ने फाँसी को मंजूरी दी dailymotion.comindiatimes.com+3en.wikipedia.org+3republicworld.com+3।
🤝 बचाव और अंतिम प्रयास
- पारीवारिक प्रयास:
उनकी मां, प्रेमा कुमारी, तब से यमन में हैं, आरोपी के परिवार से माफी और ब्लड मनी समझौते के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं indiatimes.com+2en.wikipedia.org+2ndtv.com+2। - भारतीय सरकार की भूमिका:
MEA लगातार प्रयास कर रही है, स्थानीय अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं और कानून एवं यात्रा सुविधाएँ प्रदान की गई हैं deccanherald.com+8hindustantimes.com+8hindustantimes.com+8। - ईरानी मध्यस्थता:
ईरान ने मानवतावादी आधार पर उनकी रिहाई के लिए मदद की पेशकश की है indiatimes.com+1timesofindia.indiatimes.com+1।
🧩 यमन में फाँसी व्यवस्था (संक्षिप्त)
- यमन में मौत की सजा आम है और गोली मारकर निष्पादन की जाती है।
- राष्ट्रपति को सभी मौत की सजाओं को मंजूरी देनी होती है, जो अब मिल चुकी है ।
✅ निष्कर्ष
कूटनीतिक पुल: भारत-यमन-ईरान के संवाद अंतिम क्षणों में निर्णायक साबित हो सकते हैं।
डेडलाइन करीब: समीकरण 16 जुलाई फाँसी का समय सीमा बन चुकी है।
पनाह की आशा: ब्लड मनी समझौता और ईरानी-वित्तीय मध्यस्थता ही अंतिम उम्मीद हैं।