अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार, 9 जुलाई, 2025 को सात छोटे व्यापारिक देशों—श्रीलंका, इराक, अल्जीरिया, लीबिया, ब्रुनेई, मोल्दोवा, और फिलिपीन्स—को नए टैरिफ (शुल्क) पत्र भेजे। ये टैरिफ 1 अगस्त से लागू होंगे upstox.com+15apnews.com+15adaderana.lk+15।

🇺🇸 मकसद और दरें
- श्रीलंका, इराक, अल्जीरिया, लीबिया: 30% टैरिफ
- ब्रुनेई, मोल्दोवा: 25% टैरिफ
- फिलिपीन्स: 20% टैरिफ
ट्रम्प ने इन पत्रों में आर्थिक असंतुलन, आर्थिक सुरक्षा, और फैक्टरी-जॉब्स को अमेरिका लाने की रणनीति पर जोर दिया । हालाँकि ये देश अमेरिका के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार नहीं हैं, लेकिन ट्रेड वार्म की शुरुआती श्रृंखला में शामिल हैं ।
📌 मुख्य बिंदु
- कब लागू होगा?
लागू तिथि: 1 अगस्त 2025 - कहाँ टैरिफ की दरें:
- 30%: श्रीलंका, इराक, अल्जीरिया, लीबिया
- 25%: ब्रुनेई, मोल्दोवा
- 20%: फिलिपीन्स
- पिछली दरों की तुलना:
श्रीलंका के ऊपर पहले 44% टैरिफ था, अब यह घटकर 30% हुआ aa.com.tryoutube.com+14reuters.com+14washingtontimes.com+14investopedia.com+1foxnews.com+1onlanka.com - कारण:
- अमेरिका की व्यापार घाटे को कम करना
- घरेलू उद्योगों को मजबूत बनाना
- अन्य बड़े देशों के साथ पहले भी जताया गया था दृष्टिकोण (जापान, दक्षिण कोरिया, चीन)
🌍 श्रीलंका पर असर
वर्ल्ड बैंक के अनुसार श्रीलंका की 2025 की वृद्धि दर 3.5% रहने की उम्मीद है, लेकिन यह नये टैरिफ बाधाओं से दबाव मा सकता है reuters.com
श्रीलंका ने 2024 में 30 अरब डॉलर का अमेरिकी व्यापार किया, जिसमें कपड़ा निर्यात प्रमुख है
इस 30% टैरिफ से पैदा रिटर्न और प्रतिस्पर्धा दोनों प्रभावित होंगे
📈 विश्लेषण
यह कदम आर्थिक रणनीति के अनुरूप है जिसमें ट्रम्प “America First” नारे के तहत छोटे व्यापारिक देशों पर टैरिफ बढ़ाकर औद्योगिक पुनरुत्थान को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। हालाँकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इससे वैश्विक महंगाई बढ़ सकती है और अमेरिकी उपभोक्ताओं पर असर हो सकता है youtube.com+11apnews.com+11en.wikipedia.org+11upstox.com+2reuters.com+2reuters.com+2youtube.comwashingtontimes.com+6adaderana.lk+6finance.yahoo.com+6।
🔚 निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रम्प का यह नया टैरिफ कदम छोटे देशों को निशाना बनाए लेकिन इसका ऐतिहासिक और आर्थिक प्रभाव बड़ा हो सकता है। श्रीलंका जैसे टूट रहे अर्थव्यवस्था वाले देश, जिन्हें अभी भी IMF सहायता और पुनर्निर्माण की जरूरत है, उन्हें यह टैरिफ वृद्धि भारी पड़ सकती है।