🔹 परिचय
हिमालय न केवल भारत की शान है, बल्कि यह दुनिया की सबसे ऊँची पर्वतमालाओं में से एक है। इसकी उत्पत्ति एक भूगर्भीय घटना का परिणाम है, जो आज से लगभग 5 से 7 करोड़ साल पहले शुरू हुई थी।

🔹 हिमालय का भूगर्भीय निर्माण
हिमालय की शुरुआत टेक्टोनिक प्लेटों की टक्कर से हुई। अरबों साल पहले पृथ्वी की सतह पर कई महाद्वीप और महासागर थे। इनमें से एक था गोंडवाना लैंड, जो अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, भारत आदि का पूर्वज था।
- भारत उस समय एक स्वतंत्र टेक्टोनिक प्लेट पर स्थित था।
- यह प्लेट उत्तर की ओर धीरे-धीरे बढ़ रही थी और अंततः यूरेशियन प्लेट से टकरा गई।
- इस टक्कर से पृथ्वी की सतह ऊपर की ओर उठी, और यही ऊँचाई धीरे-धीरे हिमालय की चोटियों का रूप लेने लगी।
🔹 समयरेखा
- 7 करोड़ साल पहले: टेक्टोनिक मूवमेंट शुरू हुआ
- 5 करोड़ साल पहले: टक्कर के शुरुआती संकेत
- आज: हिमालय हर साल लगभग 5 सेमी ऊँचा हो रहा है
🔹 हिमालय की विशेषताएँ
- दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट (8,848 मीटर) इसी श्रृंखला में है।
- यह भारत, नेपाल, भूटान और तिब्बत में फैला हुआ है।
- गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी नदियों का स्रोत भी यहीं है।
🔹 हिमालय का महत्व
- जलवायु नियंत्रण: हिमालय भारत की जलवायु को स्थिर रखने में मदद करता है।
- प्राकृतिक सुरक्षा: यह भारत को शीत हवाओं और आक्रमणों से बचाता है।
- सांस्कृतिक महत्त्व: कई पवित्र तीर्थस्थल जैसे केदारनाथ, बद्रीनाथ, अमरनाथ यहीं स्थित हैं।
🔹 निष्कर्ष
हिमालय सिर्फ एक पर्वतमाला नहीं है, यह भारतीय भूगोल, पर्यावरण और संस्कृति की आत्मा है। इसका निर्माण एक अद्भुत भूगर्भीय प्रक्रिया का परिणाम है, जिसने हमें प्रकृति का अनमोल उपहार दिया है।