🔹 प्रस्तावना
India-Russia के संबंध दशकों पुराने हैं और विश्वास, पारस्परिक सम्मान व रणनीतिक समझ पर आधारित हैं। शीत युद्ध के दौर से लेकर आज के बहुध्रुवीय विश्व तक, यह साझेदारी समय की कसौटी पर खरी उतरी है।

🕰️ ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- सोवियत संघ का साथ: शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ ने भारत को औद्योगीकरण, रक्षा निर्माण और कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थन दिया।
- 1971 की मैत्री संधि: बांग्लादेश युद्ध के समय भारत और सोवियत संघ के बीच हुई इस संधि ने रिश्तों को नई ऊँचाई दी।
🤝 रणनीतिक और राजनीतिक साझेदारी
- भारत और रूस हर साल वार्षिक द्विपक्षीय सम्मेलन करते हैं।
- रूस को भारत ने “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदार” का दर्जा दिया है।
प्रमुख मंच जहां दोनों मिलकर काम करते हैं:
- BRICS
- शंघाई सहयोग संगठन (SCO)
- G20
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC)
💰 व्यापार और आर्थिक सहयोग
भारत और रूस के बीच व्यापार पिछले कुछ वर्षों में तेज़ी से बढ़ा है।
- 2023-24 में व्यापार: लगभग $65 अरब, जिसमें भारत द्वारा रूस से तेल आयात का बड़ा हिस्सा है।
- लक्ष्य: 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार $100 अरब तक पहुँचाना।
मुख्य क्षेत्र:
- ऊर्जा (तेल और गैस)
- उर्वरक, फार्मा, चाय, कॉफी
- भारी मशीनरी और रक्षा उपकरण
🔫 रक्षा सहयोग: रिश्तों की रीढ़
भारत की सैन्य ताकत का बड़ा हिस्सा रूस से आता है।
प्रमुख परियोजनाएं:
- ब्रह्मोस मिसाइल: भारत-रूस की संयुक्त उपलब्धि।
- S-400 डिफेंस सिस्टम: भारत ने 5 यूनिट ख़रीदे हैं।
- INS विक्रमादित्य: रूस द्वारा अपग्रेडेड एयरक्राफ्ट कैरियर।
- AK-203 राइफल: भारत में निर्माण के लिए साझेदारी।
संयुक्त सैन्य अभ्यास:
- INDRA, Avia-Indra, Tri-Service Drills
⚡ ऊर्जा सहयोग
रूस भारत की ऊर्जा सुरक्षा का एक मजबूत स्तंभ बन चुका है।
- तेल आपूर्ति: रूस अब भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है।
- कुडनकुलम परमाणु संयंत्र: तमिलनाडु में रूस की मदद से बना देश का सबसे बड़ा न्यूक्लियर प्रोजेक्ट।
🚢 संपर्क और लॉजिस्टिक प्रोजेक्ट
- INSTC (North-South Corridor): भारत से रूस तक व्यापारिक मार्ग।
- व्लादिवोस्तोक–चेन्नई रूट: नया समुद्री मार्ग प्रस्तावित।
- चाबहार बंदरगाह: भारत को रूस और मध्य एशिया से जोड़ने में मददगार।
📚 India-Russia सांस्कृतिक और शैक्षणिक संबंध
- शिक्षा: रूस में 15,000 से अधिक भारतीय छात्र, खासकर मेडिकल और इंजीनियरिंग में।
- सांस्कृतिक विनिमय: योग, साहित्य, और सिनेमा में गहरी दिलचस्पी दोनों देशों के लोगों की।
🌍 भू-राजनीतिक परिदृश्य
- रूस और चीन की नज़दीकी पर भारत की सावधानीपूर्ण निगाह।
- रूस-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य संपर्कों को लेकर चिंता।
- यूक्रेन युद्ध पर भारत की संतुलित नीति—ना समर्थन, ना विरोध।
🔮 भविष्य की दिशा
अवसर:
- विविध व्यापार: कृषि, तकनीक, डिजिटल सेक्टर में सहयोग।
- संयुक्त रक्षा उत्पादन: ‘मेक इन इंडिया’ के तहत।
- अंतरिक्ष और डिजिटल तकनीक: GLONASS, AI और सैटेलाइट प्रोग्राम में सहयोग।
🎯 निष्कर्ष
भारत और रूस का रिश्ता सिर्फ रणनीतिक साझेदारी नहीं, बल्कि एक भरोसे और मित्रता की मिसाल है। वैश्विक राजनीति के बदलते स्वरूप में भी यह रिश्ता स्थिर और मजबूत बना हुआ है।
दोनों देश अपनी रणनीतिक स्वायत्तता को बनाए रखते हुए सहयोग की नई दिशा में बढ़ रहे हैं। चाहे तेल हो, हथियार हो, या तकनीक—भारत और रूस की साझेदारी हर मोर्चे पर फलदायक रही है और भविष्य में और भी सशक्त होगी।