📍Subarnarekha जलस्तर और वर्तमान स्थिति
- झारखंड के पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) में Subarnarekha नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।
- मंगो पुल पर नदी का जलस्तर 123.36 मीटर तक पहुंच चुका है, जबकि खतरे की सीमा 121.50 मीटर है।
- खारकई नदी भी आदित्यपुर क्षेत्र में 134.90 मीटर तक पहुँच गई है, जो खतरे के निशान 129.00 मीटर से अधिक है।

🚨 ओडिशा में संभावित बाढ़ और चेतावनी
- बालासोर, मयूरभंज, और जाजपुर जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ की संभावना बढ़ गई है।
- इन जिलों के लिए लाल चेतावनी (Red Alert) जारी की गई है, जहां 200 मिमी तक बारिश की संभावना जताई गई है।
- बालासोर के राजघाट क्षेत्र में सुबर्णरेखा का जलस्तर 11.28 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे की सीमा 10.36 मीटर से ऊपर है।
🏘️ प्रभावित क्षेत्र और राहत कार्य
- बालासोर, मयूरभंज, भद्रक और जाजपुर जिलों के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है।
- प्रशासन ने एनडीआरएफ और ओडीआरएएफ की टीमों को सक्रिय कर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।
- जिलाधिकारी और वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं।
🔭 आपदा प्रबंधन और सरकारी तैयारी
- सरकार ने आपातकालीन हालात से निपटने के लिए सभी प्रभावित जिलों में विशेष निगरानी दल भेजे हैं।
- वरिष्ठ अभियंताओं को बाढ़ प्रभावित बेसिन क्षेत्रों में तैनात किया गया है ताकि तकनीकी सहयोग सुनिश्चित किया जा सके।
- प्रभावित जिलों में कंट्रोल रूम सक्रिय हैं और दैनिक अपडेट के अनुसार कार्रवाई की जा रही है।
🧭 अनुमान और आगे की स्थिति
- मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि 27 जुलाई तक सुबर्णरेखा नदी का जलस्तर 11.70 मीटर तक पहुंच सकता है।
- बाईतरणी और जलका जैसी अन्य नदियों का भी जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है, जिससे और अधिक इलाकों में बाढ़ की संभावना है।
✅ सारांश तालिका
विषय | विवरण |
---|---|
नदी | सुबर्णरेखा, खारकई, बाईतरणी, जलका |
सर्वाधिक प्रभावित जिले | पूर्वी सिंहभूम, बालासोर, मयूरभंज, भद्रक, जाजपुर |
जलस्तर | 123.36 मीटर (झारखंड), 11.28 मीटर (ओडिशा) |
चेतावनी स्तर | पार हो चुका है – Red Alert जारी |
राहत कार्य | एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ, इंजीनियरिंग निगरानी टीम सक्रिय |
अनुमानित जलस्तर | 11.70 मीटर तक (27 जुलाई तक) |
🔚 निष्कर्ष
जुलाई 2025 में सुबर्णरेखा नदी और उसकी सहायक नदियों में आई बाढ़ से झारखंड और ओडिशा के कई जिले गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।
प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल राहत एवं बचाव कार्य में पूरी तत्परता से लगे हुए हैं।
स्थानीय लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें, सतर्क रहें और नदियों के समीप न जाएं।
Contents