📅 Nag Panchami 2025 कब है?
तिथि: सोमवार, 28 जुलाई 2025
पंचमी तिथि प्रारंभ: 28 जुलाई, सुबह 05:39 बजे
पंचमी तिथि समाप्त: 29 जुलाई, सुबह 03:21 बजे तक

🧭 नाग पंचमी का इतिहास
नाग पंचमी का संबंध नागों की पूजा से है, जो सनातन धर्म में दिव्य शक्तियों के रूप में माने जाते हैं। इस पर्व का उल्लेख महाभारत, स्कंद पुराण, और गरुड़ पुराण जैसे ग्रंथों में मिलता है।
🌟 पौराणिक कथा:
कहते हैं कि जनमेजय, राजा परीक्षित के पुत्र, ने अपने पिता की मृत्यु के बदले सर्प यज्ञ का आयोजन किया था, जिसमें सारे नागों को जलाया जा रहा था। तभी आस्तिक मुनि ने आकर यह यज्ञ रुकवाया और नाग जाति का विनाश रोका। उसी दिन को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है।
🕉️ Nag Panchami का धार्मिक महत्व
- नाग पंचमी को सर्पों की पूजा का दिन माना जाता है ताकि उनके कोप से रक्षा हो और जीवन में सुख-शांति बनी रहे।
- इसे विष से रक्षा, कृषि की उन्नति, और पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है।
- इस दिन की गई पूजा से कुल के दोष, कुलाचार दोष, और सर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
🪔 नाग पंचमी की पूजा विधि
- सुबह स्नान करके साफ वस्त्र पहनें।
- घर के मुख्य द्वार या दीवार पर नाग देवता की आकृति (कोयले या हल्दी से) बनाएं।
- उन्हें दूध, कुशा, पुष्प, हल्दी, चावल, और नागर बेल अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” और “नमः सर्पेभ्यो” जैसे मंत्रों का जाप करें।
- व्रत रखने वाले दिनभर निर्जल उपवास करते हैं और शाम को कथा सुनते हैं।
🐍 नाग देवता के प्रमुख नाम
हिंदू धर्म में आठ प्रमुख नागों (अष्टनाग) की पूजा की जाती है:
- शेषनाग
- वासुकी
- तक्षक
- कर्कोटक
- पिंगल
- कंबल
- पद्म
- महापद्म
इन नागों की पूजा से जीवन में दुर्घटनाओं से बचाव, स्वास्थ्य में सुधार, और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।
🌾 ग्रामीण और सामाजिक परंपराएं
- कई गांवों में नागों के बिल में दूध अर्पित किया जाता है।
- महिलाएं झूला झूलती हैं, गीत गाती हैं और नाग देवता से संतान सुख की प्रार्थना करती हैं।
- कुछ जगहों पर नाग देवता की झांकी भी निकाली जाती है।
🔚 निष्कर्ष
Nag Panchami केवल नागों की पूजा का दिन नहीं, बल्कि यह प्रकृति, जीव-जंतुओं, और पर्यावरण के प्रति भारतीय संस्कृति की श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है। वर्ष 2025 में यह पर्व सोमवार को पड़ रहा है, जो इसे और भी शुभ बनाता है क्योंकि सोमवार भगवान शिव का दिन होता है और शिव स्वयं नागराज को गले में धारण करते हैं।