सुनील छेत्री, भारतीय फुटबॉल के महान कप्तानों में से एक हैं। उन्होंने अपने उत्कृष्ट खेल और अद्वितीय नेतृत्व के माध्यम से भारतीय फुटबॉल को विश्व मंच पर प्रतिष्ठा प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। छेत्री ने अपने करियर के दौरान अनेक महत्वपूर्ण मैचों में ब्रिलियंट प्रदर्शन किया है और भारतीय फुटबॉल को गर्वित कराया है।
जब उन्होंने अपनी फुटबॉल करियर की अगली पड़ाव के बारे में बात की, तो उन्होंने विश्वास जताया कि वे अपने खेल और टीम का ऋणी रहेंगे। छेत्री का उपभोक्ता द्वारा सम्मानित होना उनके उत्कृष्ट योगदान का प्रमाण है और उन्हें इसे आगे भी जारी रखने का इरादा है।
सुनील छेत्री भारतीय फुटबॉल के एक अग्रणी नाम हैं और उन्हें भारतीय फुटबॉल का सच्चा युगपुरुष माना जाता है। उनका जन्म 3 अगस्त 1984 को हुआ था। उन्होंने अपने करियर के दौरान अनेक महत्वपूर्ण खिलाड़ियों के साथ खेला है और भारतीय फुटबॉल को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिष्ठित स्थान पर पहुंचाया है।
छेत्री ने अपने खेल के दौरान अनेक रिकॉर्ड्स बनाए हैं, जैसे कि वे भारतीय फुटबॉल टीम के सबसे अधिक गोल लगाने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने फीफा विश्व कप, एशियन कप, साफ चैम्पियंस ट्रॉफी, एशियाई खेल, इस्ताम्बुल कप, नेहरू कप, साफ कप, इस्टाफा कप, एफसी कप, नेपाल कप और देल्ही कप जैसी अनेक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट्स में भारतीय फुटबॉल टीम का प्रतिनिधित्व किया है।
छेत्री को 2007, 2011, 2013 और 2014 में भारतीय फुटबॉलर ऑफ द इयर (आईएफए) का सम्मान प्राप्त हुआ है। उन्हें भारतीय खेल रत्न सम्मान से भी नवाजा गया है।
छेत्री ने भारतीय फुटबॉल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है और उनका योगदान भारतीय फुटबॉल के विकास में महत्वपूर्ण रहा है। उनकी प्रेरणादायक कहानी और उनके अद्वितीय कौशल ने उन्हें भारतीय फुटबॉल इतिहास का एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया है।
“खड़े भारत के करिश्माई कप्तान सुनील छेत्री ने खोखले नेट्स पर एक भावपूर्ण विदाई भाषण दिया। उन्होंने कहा कि वह अपने साथी खिलाड़ियों और खेल के हमेशा ऋणी रहेंगे, जिन्होंने हमेशा उनकी मदद करके इस मुकाम तक पहुंचाया। इसके साथ ही, भारतीय टीम का अगला महत्वपूर्ण मुकाबला 6 जून को कुवैत के विरुद्ध 2026 फीफा विश्व कप क्वालीफायर होने जा रहा है, जिसमें टीम अपने अभिनय के अंतिम अध्याय को समाप्त करने के लिए तैयार है।”
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