कानून क्या कहता है?
- CAQM (Commission for Air Quality Management) ने 1 जुलाई 2025 से दिल्ली में 10 वर्ष से पुराने डीजल और 15 वर्ष से पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन देने पर पाबंदी लगाई 91wheels.com+15indianexpress.com+15amarujala.com+15।
- यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट (2018) और NGT (2014) के आदेशों पर आधारित है aajtak.in+1ft.com+1।
- ANPR कैमरे, पुलिस-ट्रैफिक टीमों और पेट्रोल पंप कर्मचारियों को वाहन की उम्र पहचानकर कार्रवाई करनी थी।

वजह — क्यों लगाया गया प्रतिबंध?
- ऐसा माना गया कि ये वाहक वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत हैं।
- दिल्ली में वर्षा‑पूर्व और शीतकालीन दिनों में हवा और भी जहरीली हो जाती है।
- लगभग 62 लाख वाहन इस सीमा में आते थे (41 लाख दोपहिया, 18 लाख चारपहिया)
पहले लागू हुआ, फिर वापस हुआ?
- नियम लागू होने पर कई वाहन जब्त किए गए, लोगों में व्यापक आक्रोश फैला indiatv.in+15ndtv.com+15navbharattimes.indiatimes.com+15।
- पेट्रोल पंपों पर झड़पें और कारें कौड़ियों में बिकने जैसी घटनाएं सामने आईं
- दिल्ली सरकार ने CAQM को अनुरोध किया कि कैमरा, इंटरनेट और डेटा समन्वय तकनीकी तैयार न होने के कारण इसे युद्ध स्तर पर अभी लागू न करे।नतीजतन, नियम पर रोक लगते ही जब्त वाहन रिलीज़ कर दिए गए और बैकफुट पर सरकार चली गई

आलोचना और चुनौतियाँ
- डेटा और तकनीकी कमज़ोरी: कैमरे, स्पीकर, एनसीआर डेटा की एकजुटता अधूरी amarujala.com।
- आर्थिक और भावनात्मक असर: लोग अपनी कार्यशील या लग्जरी गाड़ियाँ सस्ते में बेचने को मजबूर
- बिल्कुल उम्र आधारित नियम पर सवाल: कई बोले कि गाड़ियों की स्थिति देखी जानी चाहिए न कि मात्र उम्र
- पूरे NCR क्षेत्र में अति शीघ्र लागू करना विवादास्पद: पहले अन्य जिलों में नवंबर 2025 और NCR में अप्रैल 2026 में शुरू होना था
🧭 आगे की दिशा
- तकनीकी आधार-मज़बूत करें: ANPR और डेटा समन्वयन बेहतर करें।
- फेज़-आउट योजना: वाहन मालिकों को पहले SMS/नोटिस देकर समय दें abplive.comaajtak.in।
- आर्थिक प्रोत्साहन: स्क्रैप पॉलिसी, एक्सचेंज बोनस, EV/सीएनजी सब्सिडी जैसे विकल्प बढ़ाएँ
- प्रदूषण आधारित मूल्यांकन: हर वाहन की वास्तविक जांच करें—केवल उम्र नहीं
- जन जागरूकता और संवाद: व्यापक शिक्षा, लॉजिस्टिक्स सहयोग और मीडिया अभियानों पर जोर।
निष्कर्ष
दिल्ली सरकार का उद्देश्य वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना सही है।
Contents
लेकिन इसमें योजना, तकनीकी तैयारी, लोगों की आजीविका, और संवाद का संतुलन अत्यंत जरूरी है।
उम्मीद है कि संशोधित नीति में इन पहलुओं को शामिल कर जनता-अनुकूल और पारदर्शी तरीके से यह प्रतिबंध लागू होगा।