सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक की अफवाह पर सपा नेता समेत कई पर एफआईआर, यूपीआई आईडी धारकों पर भी कार्रवाई।

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सिपाही भर्ती परीक्षा के पहले पेपर के लीक होने की झूठी अफवाह फैलाने के आरोप में समाजवादी पार्टी के नेताओं समेत कई अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इन आरोपियों ने टेलीग्राम प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके संदेशों के माध्यम से लोगों को प्रभावित किया और क्यूआर कोड भेजकर पैसे की मांग की। यह कार्रवाई तब की गई जब यह पता चला कि ये लोग परीक्षा के पेपर की लीक की झूठी जानकारी फैलाकर लोगों से अवैध तरीके से धन की वसूली करने की कोशिश कर रहे थे।

सोशल मीडिया पर सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने की झूठी अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ अब ठोस कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पुलिस भर्ती बोर्ड ने इस मामले में गंभीरता से कदम उठाते हुए हुसैनगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। आरोपियों ने टेलीग्राम चैनल के माध्यम से पेपर लीक की फर्जी खबरें प्रसारित कीं, जिससे भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित करने और लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की गई। इस गतिविधि के माध्यम से उन्होंने क्यूआर कोड भेजकर अवैध रूप से पैसे भी जुटाने का प्रयास किया। अब पुलिस उन सभी के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई कर रही है जिन्होंने इस धोखाधड़ी में शामिल होकर भर्ती परीक्षा की पारदर्शिता को प्रभावित किया है।

सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर सोशल मीडिया पर फैल रही झूठी और अपमानजनक अफवाहों के सिलसिले में अब बड़ी कार्रवाई की जा रही है। पूर्व सपा मंत्री यासर शाह को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि उन्होंने एक्स (Twitter) पर ऐसी असत्य और अपमानजनक पोस्ट कीं जो भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया को हानि पहुंचाने और लोगों को गुमराह करने का प्रयास थीं।

साइबर सेल की टीम और एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) को इस मामले की गंभीर जांच में लगाया गया है। पुलिस भर्ती बोर्ड के मीडिया सेल के प्रभारी इंस्पेक्टर सतेंद्र कुमार की तहरीर पर दर्ज की गई एफआईआर में यह बात सामने आई है कि कुछ शरारती तत्व जानबूझकर सोशल मीडिया पर पेपर लीक होने की झूठी अफवाहें फैला रहे हैं। उनका उद्देश्य अभ्यर्थियों को धोखा देकर उनसे ठगी करने की कोशिश करना है। इस पूरे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए, संबंधित एजेंसियां त्वरित और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने में जुटी हुई हैं ताकि भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और न्याय की रक्षा की जा सके।

यूपीआई आईडी धारकों पर कार्रवाई

फर्जी पेपर लीक के माध्यम से जिनकी यूपीआई आईडी के जरिए पैसे मांगे गए हैं, उन्हें भी मामले में आरोपी बनाया गया है। इसमें शोएब नबी सोफी, हरीश कुमार भगत, मनु कुमार, कपिल और सिद्धार्थ गुप्ता शामिल हैं। इसके अलावा, डिलाइट इंटरप्राइजेज फर्म का क्यूआर कोड भी साझा किया गया है। पुलिस बैंक विवरण की मदद से इन सभी व्यक्तियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

पूर्व मंत्री पर गंभीर आरोप

एफआईआर के अनुसार, समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री यासर शाह ने अपने एक्स अकाउंट @yasarshah_sp के जरिए भर्ती पेपर लीक की झूठी और अपमानजनक जानकारी पोस्ट की। आरोप है कि यासर शाह ने अन्य आरोपियों की तरह विभिन्न ग्रुप्स और अकाउंट्स बनाए हैं और क्यूआर कोड भेजकर धन उगाही करने का प्रयास किया है, साथ ही शासन की छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की है।

पुलिस की अपील और कार्रवाई

पुलिस अधिकारियों ने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और बिना संदेह के परीक्षा में भाग लें। यदि कोई व्यक्ति पेपर लीक के नाम पर उनसे पैसे की मांग करे, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें। इस प्रकार की धोखाधड़ी पर रोक लगाने के लिए पुलिस, एसटीएफ और अन्य एजेंसियों की टीम सक्रिय है, और सोशल मीडिया की लगातार निगरानी की जा रही है ताकि अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा सके।

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