✍️ परिचय
1996 में भारत और बांग्लादेश के बीच गंगा जल-साझा संधि (Ganga Water Treaty) पर हस्ताक्षर हुए थे, जो 2026 में समाप्त हो रही है। इस ब्लॉग में हम समझेंगे—
Contents
- इस संधि का इतिहास
- मुख्य प्रावधान
- वर्तमान मुद्दे
- संभावित संशोधनों की दिशा

संधि का इतिहास
- 1982–1996: विभिन्न समझौतों के बाद, 12 दिसंबर 1996 को संधि पर हस्ताक्षर (PM Deve Gowda – Sheikh Hasina) economictimes.indiatimes.com+3pwonlyias.com+3m.economictimes.com+3economictimes.indiatimes.com+10eco-business.com+10m.economictimes.com+10
- 1972: जॉइंट रिवर कमीशन की स्थापना
📊 संधि के मुख्य प्रावधान
- मूल अवधि: 1 जनवरी–31 मई (खरीफ़ से पहले का सूखा मौसम)
- 10‑दिवसीय आवंटन फार्मूला:
- ≤70,000 cusecs → 50‑50
- 70,000–75,000 cusecs → बांग्लादेश 35k, भारत बाकी
- 75,000 cusecs → भारत को 40k, शेष बांग्लादेश को mowr.nic.in+8eco-business.com+8m.economictimes.com+8pwonlyias.com
- गैर-गैरंटी विकल्प: यदि फ्लो ≤50k, तत्काल बातचीत ज़रूरी
- Critical Period (March–May): बांग्लादेश को वैकल्पिक 35k cusecs 10‑दिवसीय ब्लॉक्स में गारंटीकृत thetimes.co.uk+13eco-business.com+13shop.ssbcrack.com+13
- अधिकरण: विवादों के लिए JRC और तकनीकी बैठकें (86वीं बैठक मार्च 2025 में हुई) eco-business.com+1tbsnews.net+1
⚠️ वर्तमान चुनौतियाँ
- भारत की मांगें बढ़ीं: सिंचाई, बिजली, बंदरगाह एवं औद्योगिक जरूरतें shop.ssbcrack.com
- बांग्लादेश की नाराज़गी: क्लैम है कि भारत मौजूदा फार्मूले से कम जल रिलीज़ करता है
- जलवायु परिवर्तन और चरम मौसमी प्रवाह: संधि पुरानी बनती जा रही है
- जियो-राजनीति ट्रेंड्स: हिंद–बांग्लादेश संबंधों में चीन-पाक के इफ़ेक्ट्स का असर
🔧 संभावित संशोधन
- अवधि छोटा करें: 10–15 साल के पुनर्नवीनीकरण हेतु प्रस्ताव
- Minimum Guarantee Clause: सूखे समय में न्यूनतम गारंटी पर बातचीत
- जलवायु-सहनीय ढांचे: फ्लो-वेरिएबिलिटी के लिहाज़ से
- सूचक‑आधारित मॉडल: परमाणु डाटा-शेयरिंग और टैक्निकल मॉनिटरिंग
✅ निष्कर्ष
- समीक्षा क्यों ज़रूरी?
- बदलती ज़रूरतें
- जलवायु परिवर्तन संबंधी अप्रत्याश्य
- भू-राजनीतिक संतुलन
- दोनों पक्षों का सहयोग ज़रूरी है: जियो-राजनीतिक तनाव के बीच जल साझेदारी शांति का संकेत है