यूपी सरकार के निर्देशानुसार अब कक्षा 6–8 की NCERT गणित (गणित प्रकाश) किताबों में वेदिक गणित शामिल किया जा रहा है, जिससे छात्रों को देश की सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने और मानसिक गणना क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी

परिचय
वेदिक गणित एक प्राचीन भारतीय विधि है, जिसे स्वामी भारती कृष्ण तीर्थजी ने 1911–18 के बीच पुनः प्रस्तुत किया था READ MORE। यह 16 सूत्र और 13 उप‑सूत्रों पर आधारित है, जो मानसिक गणना, तेज निष्पादन और अभ्यास‑मुक्त समाधान प्रदान करते हैं।
मुख्य सूत्र और उप‑सूत्र
मुख्य सूत्र (Main Sutras):
- Ekadhikena Purvena
- Nikhilam Navatashcaramam Dashatah
- Urdhva Tiryakbhyam
… — साथ ही 13 उप‑सूत्र जैसे Anurupyena, Yavadunam आदि
लाभ और उपयोग
मनोवैज्ञानिक और अकादमिक फायदे
- गणना में गति – परीक्षा में समय बचाए
- मानसिक तीक्ष्णता – मस्तिष्क की क्षमता बढ़ाये
- आत्म‑विश्वास – लगातार अभ्यास से आत्म‑विश्वास में सुधार
- त्रुटि-रहित गणना – पेंसिल-पेपर की आवश्यकता कम हो जाती है

NCERT में सम्मिलन
UP राज्य में 30 लाख छात्रों के लिए कक्षा 6–8 में वेदिक गणित को गणित प्रकाश पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है, जिसमें राज्य‑स्तरीय SCERT और SISE Prayagraj की टीम सहायक होगी hindustantimes.com। यह शिक्षा नीति के बहुआयामी दृष्टिकोण से मेल खाता है।
शिक्षण रणनीतियाँ
- धीरे-धीरे सूत्र परिचय – पहले एक सूत्र पर फोकस करें, जैसे संख्याओं का गुणा/division
- व्यावहारिक उदाहरण – परीक्षा‑ऐन समय पर उपयोगी हल
- मानसिक अभ्यास – छात्र प्रतिदिन ५ मिनट अभ्यास करें
- ब्रिजिंग विधियाँ – आधुनिक पाठ्यक्रम के साथ तालमेल बनाये
- मापदंड (evaluation) – मौखिक/मुख्य परीक्षा दोनों में गणना की समय‑प्रभावक क्षमता बैलेंस करें
निष्कर्ष और सुझाव
- वेदिक गणित गणित शिक्षा में तेजी, आत्म‑विश्वास और मानसिक दक्षता लाई
- NCERT पुस्तक में इसका सम्मिलन छात्रों की सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत से जोड़ता है
- सुझाव: अध्यापकों को प्रमाणित ‘वेदिक गणित’ शिक्षण कार्यशाला आयोजित करनी चाहिए, और NCERT को डिजिटल एवं हार्डकॉपी में अभ्यास‑कंटेंट जोड़ना चाहिए