🔹 भूमिका
Sikh धर्म भारत का एक महान धार्मिक और आध्यात्मिक आंदोलन है जिसकी शुरुआत 15वीं शताब्दी में गुरु नानक देव जी ने की थी। यह केवल एक धर्म नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है जिसमें मानवता, समानता, और सेवा के मूल सिद्धांत शामिल हैं।
आज, सिख धर्म न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों की आस्था और पहचान का प्रतीक बन चुका है।

🧘♂️ गुरु नानक देव जी से शुरुआत
- सिख धर्म की नींव गुरु नानक देव जी (1469–1539) ने रखी थी।
- उन्होंने समाज में फैली ऊँच-नीच, भेदभाव और धार्मिक पाखंड के खिलाफ आवाज़ उठाई।
- उनका संदेश था: “एक ओंकार” — ईश्वर एक है, और हम सब उसके बच्चे हैं।
गुरु नानक ने प्रेम, करुणा, और सेवा के जरिए एक समावेशी समाज की कल्पना की।
📜 दस गुरुओं की परंपरा
सिख धर्म में कुल 10 गुरु हुए हैं, जिन्होंने धर्म को एक सशक्त और संगठित रूप दिया:
- गुरु नानक देव जी
- गुरु अंगद देव जी
- गुरु अमरदास जी
- गुरु रामदास जी
- गुरु अर्जुन देव जी
- गुरु हरगोबिंद जी
- गुरु हर राय जी
- गुरु हरकृष्ण जी
- गुरु तेग बहादुर जी
- गुरु गोबिंद सिंह जी
गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1699 में ‘खालसा पंथ’ की स्थापना की और घोषणा की कि अब से गुरु ग्रंथ साहिब ही सिखों का अंतिम और शाश्वत गुरु होगा।
🛡️ खालसा पंथ की स्थापना
- गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिखों को एक योद्धा समुदाय में बदल दिया।
- उन्होंने पांच ककार (केश, कड़ा, कृपाण, कंघा, कच्छा) को सिखों की पहचान बनाया।
- खालसा का अर्थ है — शुद्ध, निर्भय और न्यायप्रिय।
इस परिवर्तन ने सिख समुदाय को सामाजिक अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए सक्षम बनाया।
📚 गुरु ग्रंथ साहिब: सिखों का धर्मग्रंथ
- गुरु ग्रंथ साहिब में सिख गुरुओं के साथ-साथ संत कबीर, रविदास, नामदेव जैसे संतों की वाणी भी शामिल है।
- यह धर्मग्रंथ गौरवपूर्ण विचार, भक्ति, समानता, और परिवार जैसे मूल्यों की शिक्षा देता है।
यह ग्रंथ न केवल पूजा का माध्यम है, बल्कि एक जीवन दर्शन भी है।
🕌 सिख धर्म के प्रमुख सिद्धांत
- नाम जपना – ईश्वर का स्मरण और ध्यान
- कीरत करना – ईमानदारी से मेहनत करना
- वंड छकना – ज़रूरतमंदों में बाँटना
- सेवा भावना – बिना स्वार्थ के दूसरों की मदद करना
- समानता में विश्वास – जाति, धर्म या लिंग के भेदभाव से परे
🌍 वैश्विक प्रभाव
- आज दुनिया भर में सिख धर्म के अनुयायी मौजूद हैं — खासकर पंजाब, कनाडा, यूके, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया में।
- लंगर सेवा, गुरुद्वारों की सफाई, और मानवता की सेवा के कारण सिख धर्म को वैश्विक सराहना मिली है।
🙏 निष्कर्ष
सिख धर्म का इतिहास बलिदान, साहस, भक्ति और सेवा से भरा हुआ है। यह धर्म एक ऐसा रास्ता दिखाता है जो केवल पूजा में सीमित नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी और इंसानियत की सेवा को भी महत्व देता है।
गुरु नानक से लेकर खालसा पंथ और आज के आधुनिक गुरुद्वारों तक, सिख धर्म हमेशा प्रेम, एकता और समर्पण का संदेश देता आया है।