🛕 परिचय
जब बात विष्णु भगवान के मंदिरों की होती है, तो भारत का नाम सबसे पहले आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के बाहर स्थित सबसे बड़ा Vishnu Temple कहां है? यह मंदिर कंबोडिया में स्थित है और इसे अंगकोर वाट (Angkor Wat) कहा जाता है।
Contents

📍 मंदिर का स्थान
- देश: कंबोडिया
- शहर: सिएम रीप (Siem Reap)
- मंदिर का नाम: अंगकोर वाट
- प्रारंभिक उद्देश्य: भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर
- वर्तमान स्थिति: यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
🏗️ निर्माण और इतिहास
- अंगकोर वाट का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था।
- इसे कंबोडियन सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय ने बनवाया था।
- यह मंदिर मूल रूप से भगवान विष्णु को समर्पित था, जो उस समय के हिंदू धर्म के गहरे प्रभाव को दर्शाता है।
- बाद के समय में यह मंदिर बौद्ध धर्म से भी जुड़ गया।
📐 वास्तुकला और निर्माण शैली
- यह मंदिर खमेर वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
- इसकी दीवारें रामायण और महाभारत की कथाओं से सजी हुई हैं।
- मंदिर का मुख्य टॉवर 65 मीटर ऊँचा है और चारों ओर पांच टॉवरों का समन्वय ब्रह्मांड के पर्वत मेरु को दर्शाता है।
- मंदिर में विस्तृत मोती जैसी नक्काशी, बालू पत्थर की दीवारें, और खगोलीय संतुलन देखा जा सकता है।
🔱 धार्मिक महत्व
- यह मंदिर विष्णु जी की शांति, संरक्षकता और ब्रह्मांडीय व्यवस्था का प्रतीक है।
- यह हिंदू दर्शन के वास्तु शास्त्र और धार्मिक अनुष्ठानों के अनुसार बनाया गया है।
- यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है जो आज भी लाखों पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
🌏 वैश्विक मान्यता
- 1992 में अंगकोर वाट को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।
- यह कंबोडिया का राष्ट्रीय प्रतीक है और उसके राष्ट्रीय ध्वज पर भी अंकित है।
- यह मंदिर आज कंबोडिया की अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न हिस्सा है।
🔍 भारत से संबंध
- अंगकोर वाट यह दर्शाता है कि हिंदू धर्म की जड़ें सिर्फ भारत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उसने दक्षिण-पूर्व एशिया तक गहरी छाप छोड़ी है।
- भारत से गए विद्वानों और राजाओं के माध्यम से वेद, पुराण, वास्तुशास्त्र और संस्कृत का प्रसार कंबोडिया तक हुआ।
- मंदिर की नक्काशी और संरचना भारतीय मंदिरों से काफी मिलती-जुलती है।
📸 पर्यटन और वर्तमान स्थिति
- आज यह मंदिर दुनिया के सबसे प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है।
- हर साल 20 लाख से अधिक पर्यटक इस मंदिर को देखने आते हैं।
- मंदिर परिसर में आज भी धार्मिक गतिविधियाँ, बौद्ध पूजा, और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
🧾 रोचक तथ्य
- यह मंदिर पूर्व की ओर बना है, जबकि अधिकतर हिंदू मंदिर पश्चिमाभिमुख होते हैं।
- यह मंदिर 162.6 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है – जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक बनाता है।
- मंदिर की दीवारों पर 3000 से अधिक अप्सरा नृत्यांगनाओं की मूर्तियाँ उकेरी गई हैं।
- मंदिर का नक्शा इतने परिशुद्ध रूप से बना है कि यह खगोलीय संरेखण का भी पालन करता है।
🔚 निष्कर्ष
अंगकोर वाट मंदिर सिर्फ एक स्थापत्य आश्चर्य नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि हिंदू धर्म और भगवान विष्णु की भक्ति ने कैसे भारत की सीमाओं को पार कर दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी गहरी छाप छोड़ी है।
यह मंदिर एक धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर है, जो आज भी विश्व को भारतीय ज्ञान और परंपरा की गहराई से परिचित कराता है।