एक दुखद समाचार से सुनाया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में एक भयानक ट्रेन हादसा हो गया है। इस घटना में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन, जो सिलीगुड़ी से सियालदह जा रही थी, रंगपनीर स्टेशन के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। एक मालगाड़ी ने इस ट्रैक पर खड़ी ट्रेन को पीछे से तेज गति से मारा है। इस हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत हो गई है और करीब 60 लोग घायल हो गए हैं।
माना जा रहा है कि हादसे की वजह ट्रेन के ड्राइवर की लापरवाही थी, जिसके कारण इस भयानक संघर्ष का होना संभव हुआ। इस दुर्घटना में ट्रेन के पीछे की तीन बोगियां बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जो इस हादसे की गंभीरता को दर्शाती हैं।
यह हादसा एक बड़ी दुःखद घटना है और सभी वायुराशि लोगों के परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएँ हैं।
रेलवे अधिकारियों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, ट्रैन हादसे में दो पैसेंजर बोगियां और एक पार्सल बोगी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इस दुर्घटना में हानिकारक प्रभाव होने की संभावना है और यहां घायलों की संख्या बढ़ सकती है।
हादसे के स्थल पर सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है ताकि उनके द्वारा तत्काल मेडिकल सहायता प्रदान की जा सके। यह सुनिश्चित करने के लिए कि घायल यात्री समय पर उपचार प्राप्त कर सकें और उन्हें स्थिति के अनुसार उचित देखभाल मिले।
एक दुखद घटना में जिंदगियां गंवाई गई हैं जब सियालदाह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस रंगापानी स्टेशन पर ठहरी थी। अचानक, पीछे से आ रही मालगाड़ी ने उसे धक्का मार दिया, जिससे गार्ड और सामान्य बोगी के साथ-साथ एसएलआर भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुईं। कई कोच पटरी से उतर गए, जिसके कारण सैकड़ों लोग जख्मी हो गए हैं। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने घटना की पुष्टि की है। इस दुर्घटना में कई वरिष्ठ रेलवे अधिकारी घटनास्थल पर हैं और उन्होंने शीघ्रता से राहत और चिकित्सा टीमों को मोबाइलाइज किया है। इस समय में घायलों की संख्या और मृत्यु की रिपोर्ट अभी स्पष्ट नहीं है।

दार्जिलिंग पुलिस के अतिरिक्त एसपी अभिषेक रॉय ने बयान दिया कि “हादसे में 8 यात्रियों की मृत्यु हो गई है और 20-25 लोग घायल हो गए हैं। बहुत से घायल व्यक्तियों की स्थिति गंभीर है। यह हादसा उस समय हुआ जब एक मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस से टक्कर मारी।”
इस घटना के बारे में अधिक सूचना और घायल व्यक्तियों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए अभिषेक रॉय ने उपयुक्त उपाय उठाए हैं।
सीएम ममता बनर्जी ने शोक जताया
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक ट्वीट करके इस दुखद घटना पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने ट्वीट किया कि उन्हें दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा क्षेत्र में हुए रेल दुर्घटना के बारे में सूचना मिली है, और वे इस संकट से बहुत दुखी हैं। वे ने यह भी जाहिर किया कि वे विस्तार से जानकारी की प्रतीक्षा कर रही हैं, क्योंकि इस दुर्घटना के पीछे की विस्तार समझने के लिए इस्तेमाल की जा रही है। उन्होंने बचाव, चिकित्सा सहायता के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, चिकित्सकों, एम्बुलेंस सेवाओं और आपातकालीन टीमों को तत्काल घटनास्थल पर भेजने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्थिति को संभालने के लिए युद्धस्तर पर कार्रवाई की शुरुआत करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तेजी से केंद्र सरकार को निशाना बनाया है, कंचनजंगा एक्सप्रेस रेल हादसे के मामले में। उन्होंने इस सरकार को सिर्फ चुनावी लाभ की परवाह करने के लिए दोषी ठहराया और कहा, “इन लोगों ने पुरानी पेंशन बंद कर दी है। मैं रेलवे कर्मचारियों और अफसरों के साथ हूं। वे अपनी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन इस सरकार को सिर्फ चुनावी फायदे की ही फिक्र है। इन्हें लगता है कि सब कुछ ईवीएम को हैक करके और चुनावी नतीजों को बदलकर ही मामले सुलझ सकते हैं।”
दुर्घटना से संबंधित नवीनतम अपडेट्स।

पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाके में एक दुर्घटना की घटना सामने आई है, जिसमें सियालदाह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस रंगापानी और निजबाड़ी के बीच टक्कर मार गई।
इस हादसे में ट्रेन के तीन डिब्बे बेपटरी हो गए हैं, जो घटना के समय पश्चिम बंगाल की बिहार सीमावर्ती इलाके में हुआ।
13174 कंचनजंगा एक्सप्रेस, जो अपने निर्धारित समय से लगभग एक घंटा देर से चल रही थी, रंगापानी स्टेशन के पास पटरी पर खड़ी थी।
इस समय वहां से पीछे से आ रही मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस में टक्कर मार दी, जिसके परिणामस्वरूप ट्रेन की बोगियां हवा में उछल गईं।
दार्जिलिंग के एसपी और आईजी उत्तर बंगाल घटनास्थल पर मौजूद हैं और राज्य सरकार ने तत्काल राहत, चिकित्सा सहायता और बचाव कार्य शुरू किया है।
इस दुर्घटना में 8 लोगों की मौत की आशंका है, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए हैं।
कई अस्पतालों में इन घायलों का इलाज चल रहा है और रेस्क्यू टीमें मदद पहुंचाने के लिए भेजी गई हैं।
रेल सेवाओं पर इस हादसे का असर पड़ा है और कई ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी कर दी गई हैं।
रेल परिचालन और सुरक्षा टीमें तत्पर हैं, जबकि हादसे की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है।
नहीं लगा था कवच सिस्टम
रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष एवं सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि दिल्ली-गुवाहाटी रेल लाइन और पश्चिम बंगाल में कवच अभी ट्रैक पर उपलब्ध नहीं है। इस प्रक्रिया को अगले साल में शामिल करने की योजना है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में पूरे देश में 1500 किलोमीटर के ट्रैक पर कवच लगाया गया है और इस साल लगभग तीन हजार किलोमीटर और बढ़ाए जाने की योजना है।
आने वाले वर्ष 2025 में भी तीन हजार किलोमीटर के ट्रैक पर कवच लगाने की योजना है, जिसके लिए उन्होंने उत्पादन में तेजी लाने की अपील की है।