Keezhadi Excavation क्या है?
Keezhadi (केलाडी/कीज़दी) उत्खनन तमिलनाडु के सिवागंगा ज़िले में वाइगई नदी के किनारे स्थित एक महत्त्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है। वर्ष 2015 से यह उत्खनन चल रहा है, जिसे शुरू में ASI और बाद में Tamil Nadu स्थापत्य विभाग द्वारा संचालित किया गया ।

मुख्य खोजें और तथ्य
- समय सीमा (6वीं शताब्दी ई॰पू॰ – 1वीं सदी ई॰)
- 580 ई॰पू॰ तक डेट की गई धातु, मिट्टी और चारकोल के नमूने ।
- साइट में Tamil‑Brahmi लिपियों के अवशेष मिले, हालांकि उनकी प्राथमिक अवस्थिति विवादित है pragyata.com+3en.wikipedia.org+3en.wikipedia.org+3।
- निर्माणात्मक अवशेष
- फायरड ब्रिक की दीवारें, छत टाइल्स, इरिगेशन व्यवस्था और ड्रेनेज प्रणाली मिलना menunjukkan उन्नत नागराचार ।
- Terracotta पाइपलाइन का सबूत, जो 2600 वर्ष पुरानी है ।
- अलंकृत वस्तुएं
- पत्थर के मोती (कारीगिलित), कांच, हाथीदाँत, तांबा के पेंडेंट, Terracotta और सोने के आभूषण tnarch.gov.in+1tnarch.gov.in+1।
- मृत्यु संस्कार / दफनाने की विधियाँ
- Konthagai में व्यक्तिगत कंकालों सहित urns मिलना, पुरानी संस्कृतियों के अंत्येष्टि रूपों का संकेत ।
- आधुनिक विरासत
- Keezhadi Heritage Museum मार्च 2023 में स्थापित, जहाँ उत्खनन से प्राप्त वस्तुएं प्रदर्शित हैं theweek.in+9en.wikipedia.org+9en.wikipedia.org+9।

सारांश
Keezhadi excavation एक ऐसी खोज है जिसने दक्षिण भारत के संगम काल की उन्नत नगरीय संस्कृति की झलक दिखाई है। 6वीं शताब्दी ई॰पू॰ तक डेटेड संरचनाएँ, लेखन, जल प्रणाली, कंकाल दफनाने की पद्धति और संग्रहालय में संरक्षित विरासत इसे विशेष बनाती हैं। यह उत्खनन न केवल तमिल इतिहास का पुनर्लेखन करता है, बल्कि भारतीय नगर-निर्माण, लेखन और जीवनशैली की समृद्ध विरासत को भी उजागर करता है।